कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो, कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो, रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से, बस उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो।
रिश्ता वो है,
रिश्ता वो नही जिसमे Attitude और Ego हो, जिसमे एक रूठने मे Expert हो, तो दूसरा मनाने मे Perfect हो ।
रिश्ते ऐसे बनाओ कि जिसमें शब्द कम और समझ ज्यादा हो, झगड़े कम और नजरिया ज्यादा हो।
दर्द दिलो के कम हो जाते मैं और तुम अगर हम हो जाते !
पहले घर कच्चे,
और रिश्ते पक्के हुवा करते थे, अब घर पक्के और रिश्ते कच्चे हो गए हैं!
रिश्तेदारी में शब्द कम और समझदारी ज्यादा होनी चाहिए।
रिश्ता कुछ ऐसा होना चाहिए कि, लड़ाई जब दो में हो, तो तीसरे को
पता नहीं चलना चाहिए।
कुछ
रिश्ते बनाए नहीं जाते, वो बिना बनाए दिल के पास आकर थम जाते हैं।
“रिश्ता दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं, नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए मन में नहीं ।”
कुछ Yaade. कुछ Baate,
कुछ Log और उनसे बने कुछ Rishtey. कभी भुलाए नहीं जा सकते फिर चाहे वो अच्छे हो या बुरे.
रिश्ते इसलिए भी नहीं सुलझ पाते हैं क्योंकि लोग गैरों की बातों में आकर अपनो से उलझ जाते हैं।
दिल से देशी
रिश्ता निभाना हर एक के बास की बात नहीं है…! खुद को दुःख देना पड़ता है, किसी दूसरे की खुशी के लिए…!
“कुछ रिश्ते ऐसे होते है, जिन्हें ना तो हम “छोड़” सकते है, और ना ही “अपना” सकते है”
बस यू ही मेरे मुस्कराने की
तुम वजह बने रहना, जिंदगी में न सही मगर मेरी जिंदगी बने रहना ।