Jab bhi Mera mood off
Hota hai
Mere pass har sawaal ka
Ek hi jawab hota hai
Pata nahi.
कितना और बदलूं खुद को ज़िंदगी जीने के लिए, ऐ जिंदगी, मुझको थोड़ा सा मुझमें बाकी रहने दे
न जाने हर बार ऐसा
ही क्यों होता है,
जो सबको ख़ुशी देता
है आखिर में वही
रोता है..!!
ना जाने क्यों आज मुझे, खुद को खोने का मन कर रहा है…. मत पूछो बस आज मुझे, खुल के रोने का मन कर रहा है ….
जिसने दुनिया में ना संघर्ष किया, और ना तकलीफ की उसने इस दुनिया में कुछ नहीं किया।
हर बार इल्जाम हम पर ही लगाना ठीक नहीं,
वफा खुद से नहीं
होती और खफा हम पर होते हो !
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है हर एक आँसू समंदर नज़र आता हैं कहाँ रखु मैं शीशे सा दिल अपना
हर किसी के हाथ में पत्थर
नज़र आता हैं!!
आज मूड ऑफ है दुनिया ब्लैक एंड वाइट लग रही
है बिना गलती के
इंसान, गधा और बाप किसी भी इंसान को बोल सकता है, ये बात उनके जरुरत पर निर्भर करती है।
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम… कभी वो भी तो पढ़ो जो हम कह नहीं पाते..