अगर आप किसी और के साथ गलत करने जा रहे हो तो अपनी बारी का इंतज़ार भी जरूर करना ।
अपना समय यह सोच कर बर्बाद
ना करो की दुसरो ने तुम्हारे साथ
क्या बुरा किया, तुम्हारी जगह
कर्मा को उनको जवाब देने दो |
ये जरूरी तो नहीं कि इंसान हर रोज मंदिर जाए, बल्कि कर्म ऐसे होने चाहिए, की इंसान जहाँ भी जाए, मंदिर वहीं बन जाए।
कर्म का सब खेल है, यह लौट कर तो आएगा, जो आज तुझे रुला रहा, कल कोई और उसे रुलाएगा।
जो अपने कर्म में विश्वास रखते है, वो नसीब का रोना नहीं रोते ॥
जैसे एक बछड़ा हजार गायों की भीड़ में भी अपनी माँ को ढून्ढ लेता है, वैसे ही कर्मा करोड़ों लोगों में अपने करता को ढून्ढ ही लेता है।
आपके कर्म ही
आपकी पहचान है वरना एक नाम के, तो हजारों इंसान है।
कर्मो से हरि
ईश्वर से नहीं
ईश्वर माफ़ कर देता है कर्म नहीं
पक्षी जिंदा रहने के लिए चींटी को खाती है और जब पक्षी मर जाते हैं तब वैसे ही एक पेड़ से हजारों माचिस की तिल्ली बनाई जाती है, लेकिन एक ही माचिस की तिल्ली काफी होती है, हजारों पेड़ को जलाने के लिए।
चींटी उन्हें खाती है.
कर्मा वो आइना है जो हमें हमारा असली चेहरा दिखा देता है ।
लोग जो करते हैं
उसके लिए भुगतान करते हैं, कभी कभी उस से भी अधिक ।
सोच – समझ कर ही कर्म करें क्योंकि कर्म अच्छा हो या बुरा कभी खाली नहीं जाता II
किसी को डर है कि भगवान देख रहा है, और किसी को भरोसा है कि भगवान देख रहा है।
हमने जो कर्म किए हैं,
उसका परिणाम हमारे पास आता ही आता है, आज, कल, सौ साल बाद या फिर सौ जन्म के बाद।
एक दिन सब का हिसाब है जिंदगी कर्मों से लिखी किताब है
जो जैसा करता है, वैसा भरता है.
जो आपके साथ बुरे है, उनके साथ ना अच्छे रहो, ना बुरे, सिर्फ उनसे दूर रहो।
किसी को धोखा देकर खुश मत होना कर्म है जो सब का हिसाब रखता है।
किसी से बदला लेने के लिए कभी समय बर्बाद मत करो। जो लोग आपको चोट पहुंचाते हैं उन्हें अंत में कर्मों को भोगना पड़ता है।