पहचान कफ़न से नहीं होती है दोस्तों… लाश के पीछे काफिला बयां कर देता हैं, रूतबा किसी हस्ती का हैं…
खुल सकती हैं गांठें बस ज़रा से जतन से मगर.. लोग कैंचियां चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं..
जब जब आपके खास लोग आपसे दूर होने लगे तो समझ लीजिए उनकी जरूरते पूरी हो चुकी है ।
बहुत गिनाते रहे तुम औरों के ‘गुण-दोष’…. अपने अंदर झाँक लो.. उड़ जाएंगे होश.
“हार”
तो वो सबक है जो आपको बेहतर होने का मौका देगी।
पहले पड़ती थी बहुत सी बातों पर फर्क, अब किसी बात पर नहीं पड़ती ।
अगर खुद पर यकीन हैं तो
अँधेरे में भी रास्ते
मिल जाते हैं.
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा, प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा, थक कर ना बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा
इतिहास लिखने के
लिए कलम नही,
हौसलों की
जरूरत होती है।
खुद को इतना कमजोर मत होने दो की तुम्हे किसी के एहसान की जरुरत हो..
“तालाब भरता है
तब मछलियां चीटियों को खाती है। किन्तु जब तालाब सूखता है तो चीटियां मछलियों को खाती है। अर्थात अवसर सभी को मिलता है “
उड़ने में बुराई नहीं है, आप भी उड़ें,
लेकिन उतना ही जहाँ से जमीन साफ़ दिखाई देती हो.
“उड़ा देती हैं नींदे कुछ जिम्मेदारियां
घर की, रात में जागने वाला हर शख्स आशिक नहीं होता । “
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती हैं,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती हैं.