एक इंटरनेट चलाने वाले सारे डिवाइस को बिजली की जरूरत होती है और बिजली आती है पावरप्लांट से जहां पर कोयले या गैस से बिजली बनाई जाती है तो हमारे 30 मिनट का वीडियो देखना 1 पॉइंट 6 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन का जिम्मेदार होता है । डाटा सेंटर जो आपको वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस देते हैं वह भी खुद को ऑन रखने के लिए बहुत सारी ज्यादा बिजली प्रयोग कर देंते है। डेटासेंटर और सरवर जो डाटा को दूर करके रख दे जो इंटरनेट की पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं वह भी बिजली की खपत ज्यादा करते हैं। कहने का सार यह है कि जितना ज्यादा इंटरनेट प्रयोग होगा उतनी बिजली की खपत होगी और प्रदूषण होगा इसलिए इंटरनेट से भी प्रदूषण होता है लेकिन सीधे तरीके से नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष तरीके से।